देश के समुद्र तटों को स्वच्छ बनाने और जनता में तटीय पारिस्थितिकी तंत्र के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय 'स्वच्छ - निर्मल तट अभियान' के तहत 11 से 17 नवम्बर, 2019 तक 50 चिन्हित किये गए समुद्र तटों में व्यापक स्वच्छता एवं जागरूकता अभियान शुरू कर रहा है। चिन्हित किये गये ये समुद्र तट 10 तटीय राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों – गुजरात, दमन एवं दीव, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पुद्दुचेरी, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में हैं। इन समुद्र तटों को संबंधित राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के साथ परामर्श के बाद चिन्हित किया गया है।
सभी समुद्र तटों में चलने वाले इन स्वच्छता अभियानों में ईको-क्लबों के स्कूल/कॉलेज छात्रों, जिला प्रशासन, संस्थानों, स्वयंसेवकों, स्थानीय समुदायों और अन्य हितधारकों को शामिल किया जा रहा है। ईको-क्लब के लिए राज्य की नोडल एजेंसियों को इन सभी 10 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में सप्ताहभर चलने वाले व्यापक स्वच्छता अभियान की सुविधा प्रदान की जाएगी। ईको-क्लबों के नोडल शिक्षक पूरे स्वच्छता अभियान के दौरान मौके पर उपस्थित रहेंगे। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधिकारियों को भी इस अभियान की निगरानी करने के लिए तैनात किया गया है।
तटों की सफाई की गतिविधियां प्रतिदिन दो घंटे की अवधि के दौरान चलाई जाएंगी। इसके लिए तट के न्यूनतम एक किलोमीटर हिस्से की पहचान की जाएगी। चिन्हित लगभग 15 समुद्र तटों पर रेत सफाई करने वाली मशीनें भी तैनात की जाएंगी। इसके बाद एकत्रित हुए कचरे को अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली, 2016 के अनुसार संसाधित किया जाएगा। मंत्रालय के तत्वाधान में पर्यावरण शिक्षा प्रखंड और एकीकृत तटीय प्रबंधन सोसायटी इन 50 समुद्र तटों पर चलाए जाने वाले अभियान में पूरा तालमेल स्थापित करने के लिए जिम्मेदार होंगे। संबंधित राज्य सरकारें और केन्द्रीय मंत्रालय तट स्वच्छता अभियान में सक्रिय रूप से भागीदारी करेंगे। मंत्रालय ने यह भी निर्णय लिया है कि अभियान की समाप्ति पर सर्वश्रेष्ठ तीन समुद्र तटों को उचित रूप से पुरस्कार दिया जाएगा और सभी भाग लेने वाले ईको-क्लबों को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।